नियम क्या हैं, ये क्यों बनाए जाते हैं और इनसे क्या बदलता है... इन तीनों सवालों से अक्सर जनता परेशान रहती है, जनता की परेशानी उसे मिलने वाले नित नए सबक के बावजूद भी बनी रहती है। परेशान जनता यह मानना ही नहीं चाहती है नियम उसकी भलाई के लिए ही होते हैं।हमारे देश में नियमों की तब तक ही अहमियत होती है जब तक वे हमारी मौज मस्ती में बाधा नहीं बनते, एक बार अगर ये नियम हमारी मौज मस्ती में बाधा बनने लगते हैं तो हम बिना इनके बारे में सोचे और भविष्य की परवाह किए इनसे बचने की तरकीबें निकालने लगते हैं। दोस्तों आप इस मसले पर क्या सोचते हैं, क्या आपको भी लगता है कि सरकारों को इस पर पूर्णत प्रतिबंध लगा देना चाहिए, या फिर ऐसे ही थोड़े से पैसे के लालच में उन व्यापारियों को खुली छूट होनी चाहिए जो इसका व्यापार करने में लगे हैं।