जिले के 1765 गंभीर कुपोषित बच्चों की सेहत को लेकर महिला बाल विकास विभाग ने काम शुरू कर दिया है जिसके तहत आंगनवाड़ी और घरों के आसपास पोषण वाटिका लगाई जा रही है जिसमें लौकी गिलकी सहित अन्य हरी सब्जियां लगाई जा रही है इसके साथ बच्चों की सेहत को लेकर मां बाप को बच्चों का डाइट चार्ज भी दिया जा रहा है इस बार बाल दिवस 15 नवंबर तक जिले के सभी कुपोषित बच्चों की सेहत सुधारने का टारगेट रखा गया है जिसके तहत एक बच्चा एक पालक अभियान चलाया जाएगा संभाग कमिश्नर कविंद्र कियावत ने कुपोषित बच्चों की रोजाना मानिटरिंग करने की हिदायत दी है राजधानी में आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों की सेहत को लेकर मानिटरिंग की जाती है हालात यह है कि जिले के 1872 आंगनवाड़ी केंद्रों में दर्ज 150993 बच्चों तक पोषण आहार दिया जाता है वर्तमान में महिला बाल विकास विभाग के रिकार्ड में बच्चों को पोषण आहार दिया जा रहा है जिले में कुपोषित बच्चों की तादाद बढ़कर 2195 हो गई है जिसमें जिसमें 1765 बच्चों में गंभीर कुपोषण के लक्षण मिले हैं कुपोषित बच्चों के पलको को कुपोषण मित्रों के सहयोग से दूध फल टी एच आर आरटीई के साथ इनमें से बनने वाले पौष्टिक व्यंजनों को शामिल कर न्यूट्रिशन कीट बना कर दी जाएगी