दादा गुरु का कहना है कि नर्मदा साक्षात भवानी का स्वरूप है। नर्मदा हमारे जीवन का आधार है। कसरावद (खरगोन)। तीर्थनगरी ओंकारेश्वर से पुण्य सलिला मां नर्मदा को प्रदूषण मुक्त करने के उद्देश्य को लेकर संत एवं नर्मदा भक्त दादा गुरु ने सोमवार से नर्मदा सेवा परिक्रमा यात्रा के द्वितीय चरण का श्रीगणेश किया है। जयघोष के साथ शुरू हुई यात्रा में भक्त भजन-कीर्तन करते हुए आगे बढ़ रहे थे। मंगलवार को यात्रा तेली भट्याण पहुंची, जहां दादा गुरु ने निमाड़ के प्रसिद्ध संत सियाराम बाबा के दर्शन कर रामायण पाठ भी किया। यात्रा के दौरान दोपहर करीब ढाई बजे दादा गुरु मलगांव के एक खेत पहुंचे। यहां बक्खर चला रहे किसान के साथ उन्होंने करीब दस मिनट तक बक्खर चलाया। उनके चल रहे नर्मदा भक्त वेदांश तिवारी ने बताया कि दादा गुरु गत तीन वर्षों से भी अधिक समय से निराहार रहकर केवल नर्मदा जल पर निर्भर हैं। दादा गुरु का कहना है कि नर्मदा साक्षात भवानी का स्वरूप है। नर्मदा हमारे जीवन का आधार है। नर्मदा और पावन तटों को प्रदूषण से बचाना हम सबका परम कर्तव्य है। दादा गुरु नर्मदा परिक्रमा यात्रा के माध्यम से देशवासियों को नदियों, पर्वतों, जंगलों और गाय को बचाने का संदेश दे रहे हैं। दादा गुरु ने यमुना परिक्रमा, पद यात्रा भी की है।