उत्तरप्रदेश राज्य के महोबा जिला से अंजलि मेरी पंचायत मेरी शक्ति के माध्यम से यह कहती हैं कि जिस प्रकार से लड़कियों और महिलाओं के साथ भेद भाव किया जाता है। लेकिन नीलिमा की कहानी से हिम्मत मिलती है। अब आजकल महिलाएँ और लड़कियाँ जिस प्रकार से पढ़ लिखकर आगे बढ़ रही है, वह बहुत ही अच्छा है। उन्होंने बताया कि उनके माता पिता पढ़ने लिखने की आजादी नहीं देते थे। लेकिन जब उन्होंने नीलिमा की कहानी अपने माता पिता को सुनाया तो उनके माता पिता अब अपनी बेटी को पढ़ने के लिए भेजते है