मेरा नाम संजय है मैं गरबा गांव की रहने वाली हूं मैं आप लोगों के बीच जो लड़की लड़का मेहरबान होते हैं उसके बारे में कुछ बताना चाहती हूं जैसे कि जब मैं पढ़ाई करना चाहती थी तो वहां जब मेरे पेरेंट्स एडमिशन कराने के लिए हमारे गांव के आसपास के लोग फेल बहुत रास्ते से हटाने का से बहुत तरह के मेरे वाले को बोले की जैसी है मत पड़ा यह मत करो वह मत करो अच्छा हुआ कि नहीं पता चला कि मैं अन्नदा कॉलेज में एडमिशन करवा सकती हूं मेरे घर के बगल नौकरी करते हैं तो वहां आए मेरे घर में और मेरे पास है नहीं तो आप कैसे पढ़ाने सकेगा मेरे बाप के पास तो नौकरी से पढ़ाने नहीं सकेगा इसका मतलब तो यह मेरे पास अच्छा हुआ कि मेरे पास आने पर कच्छावा कि उनकी बात सुनकर मेरी बात को मानते हुए हैं वहां तक देश में बल्कि ना कहां से पढ़ाई हम बहुत खुश हैं कि उसके बातों में ना आए और मुझे इतनी आजादी दी है पढ़ाई लिखाई उद्योग मेरे बाप को मेरे पापा को जो बस इतनी सी बात को ना मानते उनका मुंह बंद कर दीजिए