झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला के बिष्णुगढ़ से प्रेमलता मोबाइल वाणी के माध्यम से ये बताना चाहतीं है कि किशोरियों को अपनी इचानुसार नहीं रहने दिया जाता है,उन्हें अपनी मर्ज़ी से कपडा तक पहनने नहीं दिय जाता है ,और माता पिता 14 या 15 वर्ष में शादी कर दते है। बाल विवाह होने के कारन लड़कियों में खून कि कमी हो जाती है,और शादी के बाद वो बेटी जन्म देती है तब भी कहा जाता है कि बेटी को जन्म दिय है