झारखण्ड मोबाइल वाणी पर चलाए जा रहे घरेलु हिंसा अभियान के नवी कड़ी चलाई गई जिसमे घरेलु हिंसा किसी के साथ भी हो सकता है चाहे वह महिला,पुरुष,बुजुर्ग या बच्चे किसी के साथ भी हो सकता है।साथ ही पिछले कड़ी में यह चर्चा किया गया की हिंसा का महिला के जीवन में क्या असर पड़ता है।जहां कई श्रोताओ ने अपना योगदान दिया।और उन्हें सर्व श्रेष्ठ श्रोता चुन गया है वो है-पुर्वि सिंहभूम से नरेन्द्र कुमार पाल,अजय कुमार भगत पोटका से,पुर्वि सिंहभूम से मंजू देवी,पुर्वि सिंहभूम से माला देवी और हिमांशु कुमार भगत पुर्वि सिंहभूम के पोटका प्रखंड से।
This episode talks about the impact of violence on women. Violence effects a woman physically and mentally both. Some times this becomes reason of her death.
झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से एक एपिसोड जिसमे बसंती और शशि घरेलु हिंसा से जुड़े अभियान में महिलाओ के साथ हो रहे आर्थिक हिंसा के बारे में बताया जा रहा है.महिला को पैसा या बाकि अन्य आर्थिक संसाधनों से वंचित रखना जो की उसे कानूनन रूप से मिले हुए है जैसे की स्त्री धन.
इस कड़ी में घरेलु हिंसा के तहत है पुरुष द्वारा महिलाओ के साथ होने वाली यौनिक हिंसा के बारे में चर्चा की जा रही है.
इस एपिसोड में घरेलु हिंसा के तहत है महिलाओं के साथ विवाह पूर्व और विवाह के बाद होने वाली मानसिक हिंसा की बात की जा रही है..
यह प्रोमो घरेलु हिंसा के तहत है जिसमे संगीता और अमित द्वारा लोगो को होली की बधाई दी गई है और साथ ही गह्रेलु हिंसा के विषय वास्तु पर चर्चा की गई है
ऋतू और वसन्ती रांची झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से jmv श्रोताओ को घरेलु हिंसा के रूपों जानकारी दे रही है की घरेलू हिंसा सिर्फ शादी शुदा महिलाओ के साथ ही नहीं होता बल्कि एक अविवाहिता के साथ भी हो सकती जिसमे भ्रूण हत्या भी शामिल है साथ लड़की को जब मन-पसंद चीजे ना करने देना भी घरेलु हिंसा है आवाज उठाने पर आनर किलिंग का सामना करना पड़ता है
झारखण्ड मोबाइल वाणी पर चलाए जा रहे घरेलु हिंसा अभियान के दूसरी कड़ी चलाई गई जिसके महिला हिंसा के कारणोपर चर्चा किया जा रहा है साथ ही यह जानकारी प्राप्त करेंगे की आखिर क्यो होता है महिला हिंसा।और ऐसी समस्या पर महिलाए कानून से कैसे मदद ले सकेंगी।ओए विभिन्न प्रकार से रोक-टोक भेद-भाव मानशिक हिंसा,शारीरिक हिंसा तथा अन्य प्रकार से किया जाने वाला हिंसा भी हिंसा का ही रूप है इस विषय पर काफी लोगो ने अपनी राय झारखण्ड मोबाइल वाणी को बताया।जिसमे अवनीश कुमार दुमका जिले के काठीकुंड प्रखंड से बताते है कि आज घरेलु हिंसा से काफी महिलाए पीड़ित है इससे बचाव के लिए प्रतेक महिलाओ को जागरूक होने की आवश्यकता है।साथ ही पूर्वी सिंहभूम,घाटशिला प्रखंड से चित्रा मांझी बताती हैं कि घरेलु हिंसा से पीड़ित महिलाओ के साथ एक सामुदिक बैठक का आयोजन किया गया जिसमे काफी महिलाए शामिल हुई और बताई की घरो में महिलाओ के साथ मारपीट करना घरेलु हिंसा है। इससे बचने के लिए महिलाओ को इसका मुकाबला करना चाहिए।साथ ही पूर्वी सिंहभूम से अजय कुमार भगत ने भी अपना राय कुछ इस प्रकार से रखा की घरो में महिलाए चुपचाप इस हिंसा से प्रताड़ित होती है।अत:महिलाओ को इसका विरोध करना चाहिए और अपने घरो में सब के साथ मिलजुल क्र रहना चाहिए।और अंत में श्रोताओ से यह राय जानना चाहते है की घरेलु हिंसा की शिकार सिर्फ विवाहित महिलाओ के साथ ही नहीं बल्कि अविवाहिता के साथ भी होता है।
यह प्रोमो घरेलु हिंसा के तहत चलाई गई है जिसमे जिसमे ऋतू और सरस्वती द्वारा घरेलु हिंसा के बारे बताया जा रहा है घरेलु हिंसा क्या है और इस से कौन-कौन प्रभावित है और इससे बचने के लिए अधिनियम की जानकारी भी दी गई है इसके अतिरिक्त घरेलु हिंसा पर कुछ लोगो द्वारा उनके निजी वाक्या जो घरेलु हिंसा पर आधारित है से भी अवगत कराया गया है।