साथियों, जिस भयावहता को इंसानियत देख रही है, हममें से किसी ने उसकी कल्पना नहीं की थी. आम आदमी सरकार को टैक्स दे रहा था ताकि जरूरत पड़ने पर उसे व्यवस्था मिले, लेकिन मिला क्या ? साथियों, हमें बताएं कि शहर से गांव लौटने वाले प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत काम मिल रहा है या नहीं? लॉकडाउन लगने के बाद क्या कंपनी मालिकों ने आर्थिक मदद दी? आपके गांव लौटने का मुख्य कारण क्या था? पिछली बार की तरह इस बार भी आपको नि:शुल्क राशन मिल पा रहा है? क्या कभी ऐसा हुआ है कि राशन की कमी के कारण आपको या परिवार के किसी सदस्य को भूखे सोना पड़ा हो या फिर अपने खाने में कटौती करनी पड़ रही हो? शहर से गांव लौटने के दौरान आपको किस तरह की दिक्कते हैं? क्या आपको साधन मिले या फिर किसी से मदद लेनी पड़ी? अपनी बात हम तक पहुंचाने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.