हाल में ही सामने आए एक सर्वे में कहा गया है कि कोरोनावायरस को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन के दौर के दौर में महाराष्ट्र में लोगों की कमाई काफी घटी है. फूड राइट्स पर काम करने वाली एक सामाजिक संस्था के सर्वे के मुताबिक लॉकडाउन की अवधि में 96 फ़ीसदी लोगों की आमदनी घट गई थी.लोगों की खाद्य सुरक्षा के लिए काम करने वाली संस्था अन्न अधिकार अभियान के लिए राज्य की समन्वयक मुक्ता श्रीवास्तव ने यह जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की अवधि में लोगों की आमदनी में कमी आने का मुख्य कारण नौकरियां जाना और काम की उपलब्धता नहीं होना थी. उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण में शामिल हर पांचवें व्यक्ति को भोजन खरीदने के लिए पैसा नहीं होने के कारण भूखे रहने पर मजबूर होना पड़ा. जिन लोगों को सर्वेक्षण में शामिल किया गया, उनमें से 96 प्रतिशत लोगों की आमदनी में कोरोना संकट की अवधि में कमी आई है. लॉकडाउन हटने के पांच महीने बाद तक उनकी स्थिति ऐसी ही बनी रही. उन्होंने बताया कि जिन लोगों को सर्वे में शामिल किया है, उनमें से 52 फीसदी लोग ग्रामीण इलाके के रहने वाले हैं. सर्वे में शामिल बाकी लोग शहरी इलाकों के रहने वाले हैं. इनमें से 60 प्रतिशत महिलाएं हैं. लॉकडाउन से पहले करीब 70 फीसदी लोगों की मासिक आय 7000 रुपये थी और बाकी की मासिक आय 3000 रुपये थी. उन्होंने कहा, "पहले से ही इतनी कम आय के बाद आमदनी और घटना इस बात का संकेत है कि कोरोना संकट का इन लोगों पर कितना बुरा असर पड़ा है. साथियों लॉकडाउन खत्म होने के बाद क्या अब आपकी कमाई में सुधार हुआ है? क्या रोजगार खो चुके लोगों को फिर से काम मिलना शुरू हो रहा है? कोरोना के बाद अब आपके जीवन में और आजीविका में क्या अंतर आया है? अपनी बात हम तक पहुंचाएं फोन में नम्बर 3 दबाकर.