दोस्तों, कितनी ही बार हमने अपने आसपास सिगरेट—बीड़ी का कश लगाते हुए लोगों को देखा है.. और जब भी देखा है बस यही सोचा है कि आखिर क्यों...! लोग जिंदगी को यूं धुएं में उड़ाए जा रहे हैं. पर कभी छांका है उस धुएं में धुआं होती उन जिंदगियों के भीतर, जो ना चाहते हुए भी इस दलदल में फंसी हैं! जो जानती हैं कि ये बीड़ी कई परिवारों की खुशियां छीन रही है, कई लोगों के सांसे थामें जा रही है और फिर भी जली जा रही है! इस बीड़ी को जलाए रखना उनकी मजबूरी है, क्योंकि उनके पास कोई नहीं है जो हाथ आगे बढ़ाकर उन्हें इस दलदल से बाहर ले आए.. ज़्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें