जैसे—जैसे गर्मी अपने चरम पर आ रही है, देश के अलग—अलग हिस्सों में पानी की किल्लत होने लगी है. लेकिन उससे भी ज्यादा, कुछ अहम है तो वह है साफ पानी. हमारी पिछली कड़ियों से आप ने इतना तो जान ही लिया है कि चंपारण के लोग अब बोरवेल से पानी पीने की बजाए कुओं पर जाने लगे हैं. क्योंकि कुओं के पानी में आर्सेनिक और आयरन की मात्रा बहुत कम होती है और यह कई गंभीर बीमारियों को रोकने में कारगर है. हमने यह भी जान लिया कि ग्रामीण कैसे पानी की गुणवत्ता की जांच करते हैं? तो आज की कडी में क्या होगा खास.... जानने के लिए सुनिए नेटिव पिक्चर संस्था और ग्रामवाणी की संयुक्त पहल से तैयार खास कार्यक्रम