पोलियो के पी-2 वायरस के कारण हाल में पल्स पोलियो अभियान को लगभग पांच हफ्ते तक टालना पड़ा था. स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहली बार यह तथ्य स्वीकार किया है. पी-2 वायरस पिछले साल सितंबर में अचानक सामने आया था। तब उसने सरकार को काफी परेशान किया था. इसका डर अब भी स्वास्थ्य मंत्रालय की योजनाओं पर असर डाल रहा है. पांच साल तक के बच्चों को पोलियो टीके की मौखिक खुराक देने के लिए पल्स पोलियो अभियान पहले 3 फरवरी को होना था. बाद में इसे कोई कारण या नई तारीख बताए बिना टाल दिया गया. इसके बाद 10 मार्च की तारीख तय हुई थी. अब बिहार और मध्यप्रदेश में यह अभियान 7 अप्रैल को चलेगा. अधिकारियों का कहना है कि पी-2 वायरस दोबारा सामने आने के बाद यह सही नहीं होता कि मौजूदा स्टॉक में पी-2 की मौजूदगी की जांच कराए बिना बच्चों का टीकाकरण करते. इसलिए हमने सभी टीकों के सैंपल जांच के लिए भेज दिए थे. यही कारण है कि अभियान में देरी हो रही है. क्या आपके क्षेत्र में पल्प पोलियो अभियान के तहत बच्चों को दवाई पिलाई जा रही है? क्या आपके क्षेत्र के लोग पोलियो की दवाओं के प्रति जागरूक हैं? हमारे साथ साझा करें अपनी बात.