उत्तराखंड में पहले ही मजदूरों के लिए काम की कमी है और उनका पलायन जारी है, इस बीच जो कुछ काम मनरेगा के तहत होता है, उसमें भी उन्हें समय पर भुगतान नहीं मिल रहा है. गौरतलब है कि भिलंगना ब्लाक में मनरेगा के कार्यों का करीब ढाई करोड़ का भुगतान लंबे समय बाद भी नहीं हुआ है. मनरेगा के कार्यों का भुगतान न होने के कारण श्रमिकों के सामने आर्थिक संकट बना हुआ है, लेकिन केंद्र सरकार श्रमिकों के भुगतान हेतु बजट नही दे रही है. जिससे श्रमिकों में रोष है. बीते कुछ सालों में मनरेगा के जॉब कार्डधारकों ने अपने-अपने गांव में आजीविका संवर्द्धन, सिंचाई गूल, नर्सरी, औषधि, भूमि सुधार, सुरक्षा दीवार, बाढ़ नियंत्रण, गोशाला आदि कार्यों में काम किया है, लेकिन भुगतान के लिए वे ठेकेदारों से लेकर अधिकारियों के तक के चक्कर काट रहे हैं. पूरे विकास खंड में मनरेगा योजना के तहत श्रमिकों की ढाई करोड़ की देनदारी बाकी है. आपके क्षेत्र में मनरेगा के कार्यों की क्या स्थिति है? क्या वहां मजदूरों को समय पर वेतन​ दिया गया है? वे अपने क्षेत्र में किस तरह की दिक्कतों का सामना कर रहे हैं? हमारे साथ इस विषय पर साझा करें अपनी बात.