21वीं सदी में भले महिला और पुरुषों की बराबरी की बात की जाती हो, लेकिन मुंबई के जेजे अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज इस बात से इत्फाक नहीं रखता है। हाल ही में कॉलेज के एक कल्चरल फंक्शन में लड़कियों को छोटे कपड़े पहनने के लिए साफ मना कर दिया गया। इतना ही नहीं, उनके वापस हॉस्टल आने के टाइम पर भी पाबंदी बढ़ा दी गई। कॉलेज में पढ़ रही छात्राओं का कहना है कि इस तरह का बर्ताव बिल्कुल गलत है, लेकिन कॉलेज के डीन का मानना है कि छात्राओं की सुरक्षा बनी रहे इस वजह से यह फैसला लिया गया था। इस बात पर छात्राओं ने आपत्ति जताई और इस बात का प्रदर्शन भी किया था। जेजे अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज के डीन के मुताबिक यह सर्कुलर उनको सबक सिखाने के लिए निकाला था, क्योंकि होली के पार्टी में कई छात्रों द्वारा छेड़छाड़ की गई थी। इस पाबंदी को जल्द ही हटा दिया जाएगा। श्रोताओं अक्सर महिलाओं के छोटे कपड़ों को उनकी सुरक्षा के लिए खतरा बता कर ऐसी पाबंदियां लगा दी जाती हैं, लेकिन क्या ऐसा होने से महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध रुक सकते हैं, महिलाओं की सुरक्षा की गारंटी दी जा सकती है? अपने विचार साझा करें।