खबर शिमला से जहां, एक तरफ किसान और बागवान कृषि संकट के चलते निराश है, क्योंकि इसके चलते कृषि उत्पादन की लागत कीमत दिन प्रति दिन बढ़ रही है। दूसरी ओर मंडियों में किसानों और बागवानों को उनके उत्पादन का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। किसान संघर्ष समिति ने कोटखाई के गुम्मा में बैठक आयोजित कर इस पर चिंता जताई। इस बैठक में लगभग 13 पंचायतों के बागवानों ने भाग लिया। इसमें किसानों और बागवानों की अलग-अलग समस्याओं पर चर्चा की गई। अधिकांश बागवानों ने कहा कि जब वो सेब और अन्य फलों को राज्य की विभिन्न मंडियों में बेचने के लिए ले जाते हैं, न तो उनको इसके उचित दाम मिलते हैं और कई सालों तक आढ़ती किसानों और बागवानों की बकाया राशि का भुगतान नहीं करते हैं। बैठक में किसान संघर्ष समिति क ओर स 7 अप्रैल को आढ़तियों की ओर से बकाया भुगतान को लेकर कड़ी रणनिती बनाने का ऐलान किया गया।