उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कृषि क्षेत्र से होने वाले पलायन को रोकने के लिए खेती के लाभकारी पेशा बनाने पर ध्यान दिए जाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल बेशक जो भी वादे करें भारत जैसे देश में हर किसी को रोजगार नहीं दिया जा सकता। इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि बड़ी संख्या में लोग खेती बाड़ी छोड़कर पलायन कर रहे हैं, जिसे रोकने के लिए कृषि को आर्थिक रूप से व्यावहारिक पेशा बनाने के लिए काम करने की ज़रूरत है और सभी संबंधित पक्षों को इसकी ज़िम्मेदारी उठानी होगी । उनके मुताबिक कर्ज माफी या मुफ्त बिजली कृषि क्षेत्र के संकट का स्थायी समाधान नहीं है। वेंकैया नायडू पुणे में एक शिक्षा संस्थान के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। नायडू ने कहा, ‘‘भारत जैसे बड़ी आबादी वाले देश में हम आयातित प्रौद्योगिकी पर ही टिके नहीं रह सकते और न ही सभी कुछ आयात कर सकते हैं। हमें घरेलू स्तर पर खाद्य सुरक्षा की जरूरत है।’’ इसके साथ ही उन्होंने ग्रामीण संपर्क और ढांचे को आगे बढ़ाने पर जोर दिया। श्रोताओं, जैसा कि उपराष्ट्रपति ने भी कहा कि कर्ज माफी या मुफ्त बिजली कृषि क्षेत्र के संकट का स्थायी समाधान नहीं है, तो आपके मुताबिक कृषि संकट से उभरने के लिए क्यास्थायी समाधान निकाला जा सकता है। किस तरह से ग्रामीण संपर्क और ढांचे को सुदृड़ बनाया जा सकता है। इस विषय पर आप अपने विचार रिकॉर्ड करवाएं।