कहते हैं कि व्यक्ति यदि ठान ले तो हर ना मुमकिन को मुमकिन बनाया जा सकता है. जरूरत है तो बस मेहनत और विश्वास की. इस धारणा को सच कर दिखाया है बिलासपुर के कुछ छात्रों और किसानों ने. दरअसल बिलासपुर से 35 किमी दूर स्थित पंचायत पटता के आश्रित गांव वसा में सालों से पानी की दिक्कत बनी हुई थी. ग्राम पंचायत से लेकर मंत्रालयों तक किसानों ने दर्जनों खत लिखे पर गांव में तालब की खुदाई होना तो दूर खतों का जवाब भी नहीं मिला. थक—हार कर लोगों ने खुद ही अपनी समस्या का हल निकाला. गांव के किसान किसान प्रेम सिंह ने अपनी एक एकड़ की खाली जमीन गांव वालों को तालाब बनाने के लिए दे दी. इसके बाद कॉलेज के कुछ छात्रों ने मिलकर यहां तालाब की खुदाई का काम शुरू किया. जिसमें गांव वालों ने श्रमदान किया. नतीजा यह हुआ कि तीन माह में तालाब तैयार हो गया. इसके साथ ही आसपास की जमीन पर औधषीय पौधे भी लगाए गए हैं, जिसका लाभ गांव वालों को ही मिलेगा. पानी को खेतों तक पहुंचाने के लिए छात्रों ने 7 दिन में 110 मीटर पहाड़ खोदकर नहर भी बना डाली है. छात्रों और किसानों का यह प्रयास उन सरकारी दावों पर पानी फेरने के लिए काफी है, जिसमें कहा जाता है कि सरकार किसान की हमदर्द है और गांवों को स्मार्ट बनाने की दिशा मे अग्रसर है. क्या आपके आसपास भी ऐसी कोई सकरात्मक पहल हुई है? यदि हां, तो हमारे श्रोताओं तक पहुंचाएं उनकी प्रेरणादायी कहानियां.