भले ही आज आपको पढ़ाई के क्षेत्र में बेटियों की संख्या बढ़ती हुई दिख रही है, लेकिन नौकरियों के मामले में उनकी संख्या हर साल कम होती जा रही हैं. यानि बेटियां उच्च शिक्षा तो ले र​ही हैं लेकिन नौकरी करने के मामले में पीछे हैं. वैसे तो उद्योग क्षेत्र की बदलती जरूरतों को देखते हुए देश में कौशल विकास को लेकर कई प्रयास किए जा रहे हैं. महिलाओें के कौशल विकास पर सरकार विशेष ध्यान है. हाल ही में जारी एक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार कार्यबल में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 2018 में बेहद कम हुआ है. डेलॉइट की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2005 में जहां नौकरी-पेशा क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी 36.7 प्रतिशत थी. वही 2018 में घटकर 26 प्रतिशत आ गई है. असंगठित क्षेत्र या बिना पारिश्रमिक वाले क्षेत्र में 19.5 प्रतिशत महिलाएं कार्यरत हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि देश ही नहीं दुनियाभर में रोजगार क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी कम होने की प्रवृत्ति देखी जा रही है. आपके अनुसार वे कौन से कारण है जो महिलाओं को नौकरी करने की राह में परेशानी पैदा कर रहे हैं? क्या आपने भी अपने आसपास महिलाओं को नौकरी छोड़ते देखा है? यदि हां तो उनके अनुभव और नौकरी छोड़ते से जुड़े कारणों की पड़ताल हमारे श्रोताओं के साथ साझा करें.