पंजाब में किसान सरकार की वादाखिलाफी से परेशान हैं और अब उन्होंने अपनी बात पहुंचाने के लिए धरने का सहारा लिया है. पंजाब के किसान अलग—अलग रेलवे ट्रैक पर बैठकर अनशन कर रहे हैं. जिसकी वजह से रेलवे यातायात बाधित हुआ है. अमृतसर-जालंधर रेलवे ट्रैक पर जाम होने के कारण 17 रेलगाडिय़ां प्रभावित हुई हैं. रेलवे ने 6 गाड़ियों को रद्द किया गया है जबकि अन्य रेलगाड़ियों को बदले रूट से चलाया गया. सभी प्रभावित रेलगाड़ियों की जानकारी आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है. प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि आए दिन किसान कर्ज से तंग आकर आत्महत्या कर रहे हैं. दो साल में प्रदेशभर में 900 से अधिक किसानों ने आत्महत्या की है. केंद्र सरकार भी डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू नहीं कर रही है. इनकी मांग है कि प्रदेश सरकार किसानों की फसलों को लावारिस जानवरों और जंगली जानवरों से हो रहे नुकसान से निजात दिलाए. कृषि अधिकारी किसानों से बात करने का प्रयास कर रहे हैं. वैसे देखा जाए तो किसानों का यह गुस्सा केवल पंजाब में ही नहीं बल्कि देश के बाकी राज्यों में भी एक जैसा ही है. डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू न होने से देश भर के बाकी किसान भी खफा हैं? इस मसले पर आप क्या सोचते हैं? सरकार का सहयोग नहीं मिलने से परेशान किसान को कैसे अपनी समस्या का समाधान मिल सकता है? हमारे साथ साझा करें अपने विचार.