नेपाल में माहवारी के दौरान महिला को अस्पृष्य मानते हुए घर से बाहर एक बिना खिड़की वाली झोपड़ी में रहने को मजबूर किया जाता है. इसी कुप्रथा का पालन कर रही 21 वर्षीय एक युवती की झोपडी में दम घुटने से मौत हो गई है. दूरस्थ धोती जिले में पार्वती बोगाती अलग थलग एक झोपड़ी में अकेले सो रही थी. झोपड़ी को गर्म रखने के लिए उसने आग जला रखी थी. रात को झोपड़ी में धुंआ भर गया और दम घुटने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई. जिस कुप्रथा के कारण युवती की मौत हुई है उसे नेपाल सरकार ने पहले ही बैन कर दिया है लेकिन अब भी सामाजिक स्तर पर लोगों में जागरूकता का आभाव है और वे इस प्रथा को जारी रखें हुए हैं.