बिहार राज्य के नालंदा जिला हरनौत प्रखंड से संतोष जीविका मोबाइल वाणी के द्वारा बीपीएम का साक्षात्कार साझा कर रहे हैं।इस साक्षात्कार में बीपीएम बता रहे हैं कि शौचालय निर्माण के बाद किस तरह से प्रोत्साहन राशि प्राप्त की जा सकती है।पहले तो शौचालय का गडढ़ा निर्माण करें, फिर शौचालय बनवायें अगर पैसों की दिक्क्त हो रही हो तो समूह से ऋण ले कर निर्माण कार्य पुरा करें।जब निर्माण कार्य पुरा हो जाए तब जीविका दीदियों के लिए जो एक पन्ने का फॉर्म दिया गया है, उसे सीएम दीदी से भरवा कर सीएम के हस्ताक्षर के साथ अपने शौचालय के तस्वीर के साथ (तस्वीर में चार बातों का ख़ास ध्यान रखना है कि तस्वीर में शौचालय की छत ,शौचालय का दरवाजा,शौचालय का पैन और आप खुद भी उस तस्वीर में अवश्य दिखे ) ऐसा नहीं होने पर आवेदन के बाद भी आपके प्रोत्साहन की राशि रुक सकती है।स्वच्छ जीविका-स्वच्छ बिहार कार्यक्रम के तहत एक हेल्प डेस्क की व्यवस्था की गयी है।इस हेल्प डेस्क का कार्य है, दिन में तीन बार सीएम दीदियों को फोन कर यह जानकारी प्राप्त करना कि कितने गढ़ों का निर्माण हो गया है, और कितने गडढ़ों का निर्माण कार्य अभी चल रहा है।ये सभी आँकड़े प्राप्त करने के साथ ही यह भी जानने की कोशिश करना कि कार्य के दौरान क्या समस्याएँ आ रही है।समस्या और क्षेत्र का पता चलने के बाद जीविका के कर्मचारी वहाँ जा कर इसका निदान करने की कोशिश करेंगे।सीएम को हर रोज यह रिपोर्ट हेल्प डेस्क में देना है कि कितनी दीदियों का गढ़ा निर्माण हो गया है , और यह बात का ख़ास ध्यान रखना है कि कोई भी ऐसी जीविका की दीदी ना हो जिन्होंने शौचालय निर्माण नहीं करवाया है। इन सबके साथ ही सीएम दीदियों को एक फॉर्मेट दिया गया है, जिसमें उन्हें दो तरह के विवरण उपलब्ध कराने है।एक यह की 1 अप्रैल के बाद कितनी दीदियों ने आवेदन दिया है,दुसरा कि कितनी दीदियों ने 30 जून के पहले आवेदन जमा किया है।इसके बाद इसे google.com में अपलोड किया जायेगा।जिससे कि राज्य तक यह सुचना उपलब्ध हो सके कि कितनी दीदियों का आवेदन दिये जाने के बाद भी प्रोत्साहन राशि नहीं उपलब्ध हुई है।