कड़ी संख्या-18;अपनी जमीन, अपनी आवाज - सुरक्षित भूमि अधिकार: महिला सशक्तिकरण और खाद्य सुरक्षा की कुंजी
बिहार के नवादा जिले के एक गांव में रहने वाली फगुनिया या फिर उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के किसी गांव में रहने वाली रूपवती के बारे में अंदाजा लगाइये, जिसके पास खुद के बारे में कोई निर्णय लेने की खास वज़ह नहीं देखती हैं। घर से बाहर से आने-जाने, काम काज, संपत्ति निर्माण करने या फिर राजनीतिक फैसले जैसे कि वोट डालने जैसे छोटे बड़े निर्णय भी वह अक्सर पति या पिता से पूछकर लेती हो? फगुनिया और रूपवती के लिए जरूरी क्या है? क्या कोई समाज महज दो-ढाई महिलाओं के उदाहरण देकर उनको कब तक बहलाता रहेगा? क्या यही दो-ढ़ाई महिलाएं फगुनिया और रूपवती जैसी दूसरी करोड़ों महिलाओं के बारे में भी कुछ सोचती हैं? जवाब इनके गुण और दोष के आधार पर तय किये जाते हैं।दोस्तों इस मसले पर आफ क्या सोचते हैं अपनी राय रिकॉर्ड करें .
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सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...
बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के हिलसा प्रखंड से आकांक्षा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से एक बच्चे से हुई। ये कहते है कि महिलाओं को आगे बढ़ाने में हर पुरुष का सहयोग ज़रूरी है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना चाहिए ताकि वो आगे बढ़ सके
बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के हिलसा प्रखंड से आकांक्षा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से कोमल कुमारी से हुई। कोमल कहती है कि महिलाओं को खुद का रोजगार करना चाहिए ताकि वो बच्चों का पालन पोषण अच्छे से कर सके
बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के हिलसा प्रखंड से आकांक्षा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से कोमल कुमारी से हुई। कोमल कहती है कि महिला को जमीन में हक़ मिलना चाहिए। गरीबी का चक्र को तोड़ना है तो महिलाओं का सहयोग करना ज़रूरी है ताकि वो जीवन में बदलाव ला सके
बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के हिलसा प्रखंड से आकांक्षा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से नंदिनी कुमारी से हुई। नंदिनी कहती है कि महिला की सुरक्षा के लिए पुरुष का सहयोग ज़रूरी है। तभी महिला आगे बढ़ेगी
बिहार राज्य के नालंदा जिला के चंडी प्रखण्ड के माधोपुर पंचायत से रूपा कुमारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से सुनीता देवी से बातचीत किया। बातचीत के दौरान सुनीता ने बताया कि महिलाओं के नाम से संपत्ति होना चाहिए। महिलाओं के नाम पर संपत्ति रहेगा तो महिलाएं सशक्त व आत्मनिर्भर बनेंगी और घर परिवार को बेहतर तरीके से चला सकती हैं।
बिहार राज्य के नालंदा जिला के चंडी प्रखण्ड के माधोपुर पंचायत से रूपा कुमारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से निभा कुमारी से बातचीत किया। बातचीत के दौरान निभा ने बताया कि महिलाओं के नाम से संपत्ति होना चाहिए। महिला के नाम पर संपत्ति रहेगा तो महिलाएं संपत्ति को अच्छे से संभालती हैं और घर परिवार को बेहतर तरीके से चला सकती हैं
साथियों, मनुष्य एवं समस्त प्राणी जगत को जीवित रहने के लिए भोजन एक प्रमुख संघटक होता है। और भोजन पाना हर व्यक्ति का अधिकार होता है लेकिन दुर्भाग्य से दुनिया में हर किसी के पास खाने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं है कई लोग ऐसे हैं, जो हर दिन भूखे पेट सोने को बेबस हैं । लेकिन दूसरी ओर यह भी देखने को मिलता है की लोग भोजन की बर्बादी भी करते हैं। लोगों में भोजन के महत्व को समझाने और जरूरतमंद लोगों को दो वक्त के भोजन मिल पाए इस उद्देश्य से हर वर्ष 16 अक्टूबर को विश्व खाद दिवस मनाया जाता है।