बिहार राज्य के जिला नालंदा से हमारी श्रोता मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि उनके घर के एक सदस्य को कोरोना हो गया था। आगे कह रही है कि वो उस समय अपना और उनका पूरा ध्यान रखती थी मरीज के सामने मास्क लगाकर जाती थी तथा अपने हांथों को साबुन से दिन में कई बार धोती थी। बेहतर ध्यान रखने के बाद कोरोना का मरीज ठिक्क हो गए थे
बिहार राज्य के नालंदा जिले के करायरसुराय प्रखंड से प्रियंका कुमारी ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि बूस्टर डोज़ कोरोना के प्रति सुरक्षा प्रदान करता है और बीमारी से लड़ने की ताकत देता है। सभी को बूस्टर डोज़ लगवाना चाहिए।
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बिहार राज्य के जिला नालंदा के प्रखंड कराइपरसुराई से सरिता देवी ने बूस्टर डोज़ के विषय पर रानी कुमारी से साक्षात्कार लिया। रानी कुमारी ने बताया बूस्टर डोज़ को प्रिकॉशन डोज़ भी कहते है। यह डोज़ 10 अप्रैल से शुरू हुआ था। यह डोज़ 18 से अधिक उम्र के व्यक्ति को लगाया जाता है। और कोरोना की दोनों वैक्सीन लगवाने के नौ महीने बाद ही बूस्टर डोज़ लगवाई जाती है। यह डोज़ हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करती है। यह हमारे शरीर के लिए कोरोना से बचाव के लिए जरुरी है।
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