बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के चंडी प्रखंड के माधवपुर बाजार से रूपा ,मोबाइल वाणी के माध्यम से सुशील कुमार से बातचीत कर रही है। ये कहते है कि महिला के नाम से जमीन होना चाहिए। वैसे महिलाओं के नाम से जमीन होना या नहीं होना ,कोई अंतर नहीं होता है। अंतर यह है कि महिलाओं का इसमें घर से लेकर बाहर तक योगदान क्या है। महिलाओं के लिए शिक्षा बहुत ज़रूरी है। पुरुषों की तरह ही महिलाओं को जमीनी हक़ बराबर मिलना चाहिए। आज के समय में महिलाओं ने खूब विकास किया है। महिलाएँ ट्रक ,ट्रैन चला रही ,आर्मी में कार्यरत है। अगर महिला को जमीनी हक़ मिलेगा तो उनका समाज में सम्मान बढ़ेगा। इससे महिला आगे का भविष्य अच्छा कर सकती है