मोबाइल वानी के सभी श्रोताओं को मेरी बहुत - बहुत बधाई । मैं डॉ . शंभू सरन प्रसाद ग्राम शेरपुर पशुवास फलानुआ जिला नंदा से बात कर रहा हूं । अभी हम पहलादनगर स्कूल में हैं जहाँ बच्चे मेरी कविता पढ़ रहे हैं । मुझे यह फायदा नहीं है कि कल इस कक्षा में , 8 तारीख को , मुझे माँ को सम्मान देना पड़ा । आप लोगों को पता नहीं था कि वह हत्या दिवस था । अब जाओ और माँ को प्रणाम करो । मैंने यह नहीं कहा था कि मैं उस दिन मत्था टेकूंगा । उड़ना सीखें , मोरों से देखना सीखें , तीर की लहराती शाखाओं से देखना सीखें , सूरज की किरणों से देखना सीखें , जागना सीखें और जगह को महसूस न करें , पेड़ों से सीखें , सभी को गले लगाना सीखें , दीपक से सीखें , अंधेरे या पृथ्वी से जितना हो सके उतना सीखें ।