बिहार राज्य के नालंदा जिला के हरणौत प्रखंड से संतोष कुमार मंडल मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि कोरोना महामारी से जहां बचाव ही उपचार हैं लेकर लोगों को घरों में कैद रहने के लिए कहा जा रहा हैं। वहीं अतिआवश्यक सेवा के रुप में बैंककर्मी व पुलिसकर्मी मुस्तैदी के साथ अपना दायित्व निभाने में जुटे है।हमारी वोलिटियार मोबाइल वाणी सुनने के लिए फोन से प्रेरित कर रहे है। सरकार की योजनाओं की सही जानकारी हो और अफवाहों से बचेंं।अपनी समस्याओं या आपबीती बाटे....लॉक डाउन में ग्राम वाणी सामाजिक समस्या पर पर नजर रख रही है। IVR के माध्यम से सोसियल डिडेक्सन का पालन हो और अफवाह से बचें,महिला हिंसा की बचाव की संदेश दे रही है।सामुदायिक वोलिटियार क्षेत्र की सामाजिक कार्यकर्ता होने का दायित्व बखूबी निभा रही है।मुखिया जी वाढ सदस्य,सरपंच रासन विक्रेता को फोन कॉल से मिल कर रासन वितरण में आये समस्या पर। लॉक डाउन में प्रवासी मजदूर को मुख्यमंत्री आपदा सहायता राशि , गैस सब्सिडी के लिए फोन से सहयोग दे रही है। कोरोना वायरस के चलते मेडिकल की दुकानों पर मास्क नहीं मिल रहे हैं। वहीं मिल रहे हैं तो महंगे दामों पर दिए जा रहे हैं।यह खबर मेरी आवाज मेरी पहचान पर चली थी। ऐसे में नालन्दा जिला ,हरणौत प्रखंड के लोहरा गांव निवासी नीलम कुमारी एक हाथ से पूरी विकलांग है।ग्राम वाणी के साथ मेरी आवाज मेरी पहचान में सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में वोलिटियार का काम कर रही है। वह एक अच्छी लेडीज टेलर भी है.मोबाइल वाणी से नीलम जी एक मिसाल भी पेश कर लोगों को समय का सदुपयोग करने की भी सीख दे रही है।गांव में मेरी आवाज मेरी पहचान सुनने के लिए प्रेरित किया था।जिससे कोरोना जैसे संक्रमण से लोगों को राहत बचाव तो मिलेगी ही वही लोगों में घरेलू हिंसा की कमी होगी समय का भी सदुपयोग हो रहा है।इन दिनों कॅरोना योद्धा नीलम कुमारी ने मनरेगा पदाधिकारी के साथ लोगों की हिफाजत के लिए मास्क सिल रही है, उसका वितरण भी मनरेगा स्टाफ से किया जा रहा है। नीलम जी के साथ लगातार शहर के जीविका दिदिया ग्राम संगठन के माध्यम से इस नेक कार्य में महिला समूह भी सहयोग कर रहे है,जो नाममात्र मेहनताना लेकर स्वरोजगार में लगी है उन्हें भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। स्वनिर्मित कपड़ें का मास्क निरतंर वितरित कर रही है। नीलम कुमारी ने कहा कि लाक डाउन में समय का सदुपयोग हो,संकट के इस घडी में देश,समाज व लोगों की सुरक्षा के लिए हम कुछ कर सके तो हमारा सार्वजनिक जीवन दूसरों के काम आयेगा। मैं समूह से लोन ले कर, स्वयं अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर मास्क का निर्माण कर रही हू। उन्होंने कहा कि अब तक स्वनिर्मित करीब 300 माक्स खुद बनाई है। यह सामाजिक काम की प्रेरणा ग्रामवाणी से मिली और संतोष कुमार मंडल जी अथक प्रयास मूझे कमाऊ व्यक्ति और समाज सेवक बनने की सिख सिखाया।मैं शारीरिक रूप से विकलांग हु, यह आम लोग की सोच है। लेकिन मेरी आवाज मेरी पहचान ने मुझे सशक्त नारी बनाई और अलग पहचान दिया। आज मैं सामुदायिक रिपोटर दीदी के नाम से जानी जाती हु। मुझे सहयोग देने के लिए आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद।