दिल्ली एनसीआर के ाआईएमटी मानेसर से रवि श्रमिक वाणी के माध्यम से एक मज़दूर महिला से बात कर रहें हैं। नेहा सिंदे का कहना है की लेबर चौक में यदि सॉ लोग काम की तलाश में आते हैं तो दो या तीन लोग को ही काम मिलता है। तथा कई बार तो लोग गाड़ियों पर मज़दूरों को दूर दूर ले जाते हैं और आधे दिन में ही बिना पइसे दिए वापस कर देते हैं ऐसे में मज़दूर को पैदल ही लेबर चौक तक वापस आना पड़ता है