चन्दन परशाद श्रमिक वाणी के माध्यम से कह रहें हैं कि, किसानों को डीएपी नहीं मिल पा रही है जिस कारण किसान काफी परेशान हैं। किसानों को यदि डीएपी मिल भी रहा है तो वो भी ब्लाक में, जिसे किसान मजबूर है खरीदने को अधिक दामों में लोकल प्रॉडक्स्ट को ब्लाक में खरीदने को