झारखण्ड राज्य के पलामू ज़िला से शंकर पाल ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि मज़दूरों के भलाई के बारे में सोचा तो जाता है परन्तु वास्तव में उनका भला नहीं होता है। सरकार मज़दूर की सोचती है पर कंपनी प्रबंधन मज़दूरों का लाभ होने नहीं देता। जब तक सरकार मज़दूरों के हित में कोई ठोस कानून नहीं निकालेंगे तब तक श्रमिक का भला नहीं होगा