उत्तरप्रदेश राज्य के बदायूं ज़िला से अरुण,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि अभी की ऐसी विडंबना है कि अगर दृष्टिबाधित भी है तो इसका सबूत होना जरूरी है।अपनी विकलांगता साबित करने के लिए उन्हें लिखित दस्तावेज़ की आवश्यकता होती है। सरकार को दृष्टिबाधितों के लिए पूरे देश में निशुल्क यात्रा का प्रावधान रखना चाहिए