झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला के नावाडीह प्रखंड से सुमंत कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि पुरे देश में लिंग अनुपात गड़बड़ाने की वजह से शहरों में बड़ी ताताद में पुरुष अविवाहित ही रह जाते हैं।लड़कियों की कमी पूरी करने के लिए उनकी तस्करी की जाती है।इसके लिए बाकायदा दलालों को मोटी मोटी रकम दे कर नियुक्त किया जाता है। ऐसे में एजेंटों की नजर 24 घंटे लड़कियों पर होती है।और खास बात तो यह है कि ज्यादातर एजेंट लड़कियों के अपने नजदीकी रिस्तेदार ही होते हैं। नजदीकी रिस्तेदार होने के कारण आस पड़ोस के लोग भी शक नहीं कर पाते हैं। जिससे लड़कियों की तस्करी आसान हो जाती हैं। ज्यादातर माँ बाप आर्थिक तंगी से जूझने के कारण भी बच्चों को इन दलालो के हाथ में बेच देते हैं। साथ ही लड़कियों की तस्करी को रोकने में कई बार प्रसाशन भी इसलिए विफल होते हैं क्योकि लड़की की तस्करी में बड़े बड़े नेता भी शामिल होते है।अतः राज्य से बड़ी संख्या में हो रहे मानव तस्करी को रोकने के लिए विभिन्न संगठनों को आगे आना होगा और गरीबों के उत्थान एवं शिक्षित करने का सफल प्रयास करना होगा। तभी लड़कियों की तस्करी को रोका जा सकता है।

झारखण्ड राज्य के गिरिडीह जिला के जमुवा प्रखंड से शिवचरण कुमार वर्मा जी ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि जो लड़कियां झारखण्ड राज्य से पलायन कर रही हैं वो मुख्यतः अशिक्षा और बेरोजगारी के कारण हो रहा है। बेरोजगारी के वजह से इन लड़कियों की स्थिति बहुत दयनीय हो जाती है ,जिसका लाभ उठा कर दलाल इन लड़कियों को भला-फुसला कर दिल्ली ,मुंबई,कोलकाता आदि जैसे बड़े शहरों में ले जा कर शारीरिक एवं मानसिक रूप से शोषण किया जाता है। इतना ही नहीं विदेशों में भी लड़कियों को भेजा जाता है।वे कहते हैं कि जहाँ सरकार को इन दलालों पर कड़ी नज़र रखनी चाहिए,वहीं जनता द्वारा चुने हुए ज्यादातर विधायक और एम् पी प्रशासन के साथ मिल कर मासूम लड़कियों को बाहर भेजने का काम करते हैं।सरकार महिला सशक्तिकरण के नाम पर झूठे वादे करती है। विभिन्न राजनितिक पार्टियों द्वारा महिलाओं को वोट-बैंक समझा जाता है एवं इन्हें बलगालने का कार्य किया जाता है। दुर्भाग्यवश महिलाएँ भी सरकार द्वारा कहीं गई बातों में आ जाती हैं। वर्तमान में महिलाएँ सरकार की सहायता से कई स्वयं सहायता समूह चला रही हैं ,जिसमे कर्ज का आदान -प्रदान किया जाता है।सरकार इन महिलाओं को ठगने का काम कर रही है।अत: राज्य से मानव तस्करी रोकने के लिए पहले सरकार को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना होगा

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग से तेजनारायण खुश्वाहा ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि झारखण्ड के सीधे-साधे जनता को पैसे का लालच देकर एवं लड़किओं को बहला-फुसला कर काम दिलाने का झांसा दे कर दलालों द्वारा बड़े शहरों में लेजाकर उनका शोषण किया जाता है । इसका मुख्य कारण है अशिक्षा और बेरोजगारी। झारखण्ड राज्य खनिज -सम्पदा और संसाधनों से भरा है ,फिर भी यहाँ के नवजवान बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे हैं रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में जाने को मजबूर हैं।दलाल इन स्थितिओं का लाभ उठा कर नवयुवतिओं को बड़े शहरों में ले जा कर अवैध कार्य करवाते हैं तथा शोषण करते हैं। ये लड़कियाँ मज़बूरी में वो काम करती हैं जो सामाजिक,मानसिक,शारीरिक एवं नैतिक दृष्टिकोण से निंदनीय है। इस प्रकार के अत्याचारी दलालों के ऊपर सरकार को सख्त कार्यवाही करनी चाहिए और कड़ी सजा दिलानी चाहिए। साथ ही सरकार को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने चाहिए,ताकि झारखण्ड वासी अपने धरती पर जीवनयापन कर सके।समाज में जागरूकता फ़ैलाने से साथ-साथ शिक्षित युवाओं को रोजगार के लिए मुफ्त में जमीन प्रदान करनी चाहिए।

झारखंड राज्य के धनबाद जिला के तोपचाँची प्रखंड से रविंदर महतो ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि आठ मार्च को पुरे विश्व में अंतराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। परन्तु सत्यता यह है कि समाज में आज भी महिलाओं को घृणा की दृष्टि से देखा जाता है।आज स्थिति यज है कि जब भी घर की महिलाएं आगे बढ़ कर अपने परिवार की मदद करती है तो समाज उन्हें बंधनो में जकड़ लेता है।हमारे झारखंड राज्य में महिलाओं की दशा काफी ख़राब है।शिक्षित नहीं होने के कारण महिलाओं को दलालों द्वारा दिल्ली ,मुंबई,गुजरात जैसे बड़े शहरों में काम दिलाने के झांसा देकर ले जाते हैं।जहां उनका शोषण होता है।वे कहते हैं कि ऐसे मामले कई बार बार प्रशासन के सामने भी आया है। परन्तु इस तरह के मामले को गभीरता से नहीं लिया जाता। इसे रोकने के लिए जरुरी है कि महिलाओं को शिक्षित करना होगा और उन्हें रोजगार मुहैया कराना होगा। ताकि वो दूसरे राज्यों की ओर काम के तलाश में पलायन न करें। साथ ही महिलाओं के प्रति समाज की मानसिकता बदलने के लिए कार्यकर्म चलाये जाने की जरुरत है।

झारखंड राज्य के धनबाद जिला से तफ्फज़ुल आज़ाद जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि मानव तस्करों के झांसे में फँस कर झारखण्ड की युवतियां बरबाद हो रही है।मानव तस्करी के लिए सरकार द्वारा कानून तो बनाया गया है ,लेकिन सरकार उसे सफलतापूर्वक लागू नहीं कर पा रही है। जिसके कारण दलाल और बिचौलिए इसका फायदा उठाते हुए भोले-भाले ग्रामीण क्षेत्र के अशिक्षित युवतियों को रोज़गार दिलाने के लालच देकर बड़े बड़े शहरो में ले जाकर जिलत भरी जिंदगी जीने के लिए छोड़ देते हैं।ऐसे में लड़कियां चाहकर भी नहीं निकल पाती हैं चूँकि कई बार उन्हें बंधक बना लिया जाता है। राज्य से लगातार बढ़ रहे मानव तस्करी की घटना के पीछे मुख्य वजह है राज्य में व्याप्त गरीबी और अशिक्षा।साथ ही इसके पीछे का एक वजह यह भी है कि यहां के कानून व्यवस्था काफी लचर अवस्था में है। ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि इस तरह से देह का व्यापर करने वाले इन दलालों और बिचौलियों के ख़िलाफ़ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें।

झारखंड राज्य के धनबाद जिले के बाघमारा प्रखंड से मदन लाल चौहान मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि राज्य से दिनों दिन मानव तस्करी की समस्या कम होने के बजाये वर्तमान में काफी बढ़ गया है इसके पीछे गरीबी एक महत्वपूर्ण कारण है।सरकार के द्वारा मानव तस्करी रोकने के लिए कानून तो बनाये गए हैं परन्तु सुस्त कानून व्यवस्था के कारण विचौलिया एवं दलाल हावी है।वे कहते हैं कि मानव तस्करी को रोकने के लिए सिर्फ कानून बनाने से नहीं बल्कि झारखण्ड में ही रोजगार सृजन के उपाए सरकार को ढूंढना चाहिए।साथ ही रजिस्टर एनजीओ के माध्यम से हो रहे लड़कियों की तस्करी पर नुक्कड़ नाटक सभा का आयोजन समय समय पर कराना चाहिए। ताकि इसके प्रति समाज के लोगों में जागरूकता आये।चूँकि जानकारी और शिक्षा के आभाव में पीड़ित परिवार दलालो को पहचान नहीं कर पाते हैं। जिसका फायदा बिचौलिए चिकनी चुपड़ी बातो कर लोगों को फंसा लेता है। इस तरह हो रहे मानव तस्करी से लड़कियों की तस्करी करने वाले दलाल मालामाल हो रहे हैं, तो वहीँ असंख्य युवतियों की नर्क बनती जा रही है । अत: इसे रोकने के लिए सरकार को रोजगार पर फोकस करना चाहिए।

झारखण्ड राज्य के धनबाद जिले से तफ़ाजुल आजाद मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि आज प्राय दिन देखा जाता है कि मानव तस्करी के शिकार ज्यादातर ग्रामीण एवं गरीब घर की युवतियां हो रही है। इसका कई कारण है -अशिक्षा,बेरोजगारी साथ ही साथ गरीबी ,गरीबी के जाल में फसें गरीब को दलाल मोटी रकम का लालच देकर बाहर ले जाते हैं

झारखंड राज्य के बोकारो जिला से राज कुमार ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि सरकार द्वारा मानव तस्करी को रोकने के लिए कानून तो बनाया गया है ,लेकिन सरकार द्वारा उसे सख्ती से लागू नहीं किया जा रहा है।मानव तस्करी का मुख्य कारण यह है कि क्षेत्र के लोग गरीब और बेरोज़गार है और रोज़ी-रोटी की तलाश में बड़े शहरों की ओर पलायन करने को बेवस होते हैं।इसी बात का फ़ायदा उठाकर बड़े बड़े शहरों में रोज़गार दिलाने का झांसा देकर दलाल या बिचौलिए किस्म के लोग मानव तस्करी जैसे कार्य को अंजाम देते हैं ।कई जगहों पर तो रोज़गार के बहाने उन युवक-युवतियों को बन्धक भी बना लिया जाता है।और फिर इस तरह युवक-युवतियाँ दलालों के चंगुल से तमाम कोशिशों के बाद भी नहीं निकल पाते हैं। अत: मानव तस्करी से युवक और युवतियों को बचाने के लिए समाज के गणमान्य लोगो को आगे आना होगा।

झारखण्ड राज्य के धनबाद जिला के बाघमारा प्रखंड से बीरबल महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि,वर्तमान समय में केंद्र व राज्य सरकार विभिन्न संगठनो के द्वारा नारी सशक्तिकरण का काम किया जा रहा है लेकिन आज भी झारखंड की युवतियां तस्करों के जाल में फस कर मुंबई,दिल्ली हरियाणा में बेच दी जाती है। और लड़कियों का जीना हराम हो जाता है।सरकार ने मानव तस्करी पर सिकंजा कसने के लिए कानून तो बनाया है पर यह कानून भी भ्रष्टाचार का बली चढ़ गया है। अगर मानव तस्करी के मामले सामने आते भी हैं, तो घुस लेकर तस्करों को छोड़ दिया जाता हैं। जिसके कारण तस्करो का मनोबल और भी बढ़ जाता है। अत: जरुरत है समाज तथा सभी संगठनों को मिल कर जागरूकता अभियान चला कर मानव तस्करी को रकने की । साथ ही केंद्र व राज्य सरकार को चाहिए कि युवतियों के लिए अपने गांव में ही स्वरोजगार मुहैया कराये ताकि रोजगार के तलाश में युवतियां बाहर न जाये

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