हम सभी रोज़ाना स्वास्थ्य और बीमारियों से जुड़ी कई अफवाहें या गलत धारणाएं सुनते है। कई बार उन गलत बातों पर यकीन कर अपना भी लेते हैं। लेकिन अब हम जानेंगे उनकी हकीकत के बारे में, वो भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में। याद रखिए, हमारा उद्देश्य किसी बीमारी का इलाज करना नहीं, बल्कि लोगों को उत्तम स्वास्थ्य के लिए जागरूक करना है। सेहत और बीमारी को लेकर अगर आपने भी कोई गलत बात या अफवाह सुनी है, तो फ़ोन में नंबर 3 दबाकर हमें ज़रूर बताएं। हम अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जानेंगे उन गलत बातों की वास्तविकता, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में।
हम सभी रोज़ाना स्वास्थ्य और बीमारियों से जुड़ी कई अफवाहें या गलत धारणाएं सुनते है। कई बार उन गलत बातों पर यकीन कर अपना भी लेते हैं। लेकिन अब हम जानेंगे उनकी हकीकत के बारे में, वो भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में। याद रखिए, हमारा उद्देश्य किसी बीमारी का इलाज करना नहीं, बल्कि लोगों को उत्तम स्वास्थ्य के लिए जागरूक करना है। सेहत और बीमारी को लेकर अगर आपने भी कोई गलत बात या अफवाह सुनी है, तो फ़ोन में नंबर 3 दबाकर हमें ज़रूर बताएं। हम अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जानेंगे उन गलत बातों की वास्तविकता, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में।
दैनिक जागरण बिहार की मई 2023 की रिपोर्ट के अनुसार नरपतगंज प्रखंड से सटे सुपौल जिला के छातापुर प्रखंड अंतर्गत मध्य विद्यालय ठूठी में सोमवार को एमडीएम परोसने के क्रम में बच्चों के भोजन में मरी हुई छिपकली मिली, जिसके बाद बच्चों व गांव वालों में हड़कंप मच गया। लेकिन क्या ये हड़कंप हमारा अपने जन प्रतिनिधियों के सामने झलकता है ? जिस पन्ना ज़िले के स्कुल में 40 बच्चे बीमार हो गए , क्या वोट देते समय हम ये बात सोचते है? नहीं .. बिलकुल भी नहीं सोचते। क्योंकि हम एक वोट देने की मशीन में ढल चुके है। कुछ लोग इसे मेरी ही मूर्खता करार देंगे कि मध्यान भोजन के लिए हम नेताओ को दोष क्यों दें ? लेकिन सच ये है कि जब तक कोई घटना हमारे या हमारे अपनों के साथ नहीं घटती , तब तक हम राजनितिक पार्टियों की चाटुकारिता में लगे रहते है। लोग आपको ही बार बार समझायेंगे कि हमें इन सभी पचड़ों में नहीं पड़ना चाहिए। दोस्तों, अपने देश, समाज और बच्चों के भविष्य को बदलने के लिए किसी न किसी को शुरुआत करनी पड़ेगी और वह शुरुआत स्वयं से ही होगी, इसके बाद अन्य समाज के लोगों का साथ मिलता चला जाएगा। तब तक आप हमें बताइए कि * ------ आपके गाँव या क्षेत्र में सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन की स्थिति क्या है ? *------- आपने क्षेत्र या गाँव के सरकारी स्कूलों में बच्चों को कैसा पौष्टिक खाना मिलता है क्या ? आपके अनुसार बच्चों के लिए पौष्टिक भोजन का क्या मतलब है ? *------ साथ ही शिक्षा के मसले पर आपको किससे सवाल पूछने चाहिए ? और इसे कैसे बेहतर बनाया जा सकता है , ताकि हमारे देश का भविष्य आगे बढे।
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कोरोना महामारी के दौरान तथा उसके बाद से लगातार आम जनों के बीच अनेक समाजिक विकट संकटों का सामना करना पड़ रहा है जिसमे भरन और पोषण यानी रोजगार और संतुलित आहार दोनों भरपाई हो सके इसके लिए बेरोजगार हुए लोगों को रोजगार दिलाना और ग्रामीण और गरीब परिवारों की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए झारखंड सरकार ने दीदी बाड़ी योजना की शुरूआत की है। इसके जरिए राज्य के लाभार्थी गरीब, बेरोजगार एवं बच्चे होंगे जिन्हें इस योजना का लाभ दिया जायेगा। इस योजना के जरिए 5 लाख लोगों को जोड़ा जाएगा दीदी बाड़ी योजना के अंतर्गत स्थापित की गई नर्सरी में महिलाओं को सहायक बनाकर आमदनी मुहैया कराई जाएगी। राज्य में हो रही कमी को फलदार पौधों से लेकर इमारती पौधों से दूर की जाएगी। इस योजना के अंतर्गत राज्य कि गरीब व ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को रोजगार सौंपकर आत्मनिर्भर व सशक्त बनाया जाएगा।
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Poshan Pakhwada
दोस्तों, केन्द्र सरकार ने 1995 में देश के सरकारी स्कूलों में मिड डे मील योजना की शुरूआत की थी. पहले यह योजना कुछ चुनिंदा राज्यों और स्कूलों में शुरू हुई, फिर धीरे—धीरे करके गांव कस्बों तक पहुंच गई. लेकिन क्या है इस योजना के फायदे ?और क्यों है इसकी ज़रूरत ? जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें
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