झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला के केरेडारी प्रखंड से जयन्ती कुमारी मोबाइल वाणी माध्यम से बताती हैं कि ग्राम जलसहिया जो विगत्त 2011 में झारखण्ड सरकार द्वारा पेयजल विभाग के आदेश पर पंचायत के मुखिया की अध्यक्षता में ग्राम सभा के द्वारा प्रति राजस्व ग्राम में एक-एक ग्राम जलसहिया का चयन किया गया। और तब से अब तक इस कार्य को ग्राम जलसहियाओं ने सच्चे लगन से कर भी रहीं हैं । इस कार्य के बदले में जलसहियाओं को सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि दी जाती है,जो कि उनके मेहनत के अनुसार देय राशि घर चलाने के लिए उचित नहीं है। अतः सरकार से निवेदन पूर्वक यह कहना चाहती हैं कि जलसहियाओं को मानदेय के रूप में न्यूनतम मजदूरी दिया जाए ताकि वे अपना घर परिवार चलाने में सक्षम हो पाएं।
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झारखंड राज्य के बोकारो जिला से हमारे श्रोता मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं, कि उनकी पत्नी एक आशा के रूप में कार्य करती हैं। लेकिन उन्हें अबतक कोई सुविधा मुहैया नहीं किया गया है। उनके मानदेय के रूप में केवल दो हजार रूपए प्रतिमाह दिया जाता है जिससे उनका घर परिवार चलता है। कम वेतन मिलने के कारण आशा अपने बच्चो को उचित शिक्षा नहीं दे पाती हैं। अतः निस्वार्थ भाव से अपनी सेवा देने वाली आशा को न्यूनतम वेतन दिया जाना चाहिए।अपनी मांगों को लेकर बिहार में जिस तरह से आशा कार्यकर्त्ता हड़ताल की हैं वह जायज है।
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