धनबाद जिले से तफ़ाजुल आजाद जी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से तोपचांची प्रखंड के महिला जन प्रतिनिधि प्रत्याशी प्रमुख सरिता देवी से बात-चीत की, इस पर उनके इलाके की स्थिति एवं विकास के लिए क्या-क्या योजनाएं चल रही हैं, इसके बारे में सवाल पूछा गया।जिसमे सरिता जी कहना है कि उनके इलाके के विकास के लिए बहुत सारी योजनाएं अपनाया गया हैं।हर गांव में बिजली,सड़क तथा डोभा निर्माण में विशेष ध्यान दिया जा रहा है।साथ ही डोभा निर्माण कई जगहों में करवाने की बात की जा रही है।पानी की व्यवस्था,सड़क और स्कूल का मैदान निर्माण करने में सफलता मिली है।महिलाओं को ध्यान में रख कर स्वयं सहायता समूह की स्थापना की गई है। समूह के माध्यम से महिलाओं को रोजगार दी गई है।जन वितरण प्रणाली की व्यवस्था दी गयी है।महिलाओ के प्रति हमेशा आगे रहते है तथा उनका साथ हमेशा देते है।

जिला बोकारो चन्द्रपुरा से नरेश महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि झारखंड में पंचायत चुनाव हुए एक वर्ष गुजर चुके हैं सभी पदों में 50% महिलाओ को आरक्षण मिला फलस्वरूप वार्ड सदस्य से पंचायत समिति सदस्य,मुखिया जिप सदस्य आदि पदों पर चुनाव जीत कर सफलता पूर्वक कार्य कर रहीं हैं कुछ महिला मुखिया ऐसी भी है जो अपने व्यवहार,कुशलता,कार्यशैली और सकारात्मक विचार होने से दूसरी बार मुखिया चुनाव जीत कर जन सेवा में जुटी हुई हैं ऐसी ही हैं तेलों पूर्वी की मुखिया सरिता मंडल जिन्होंने अपने विचार और कार्यशैली से दुबारा चुनाव जीती हैं।वे अपने पंचायत के विकास के लिए अपने क्षेत्र में सभी जनता एवं ज्यादातर महिलाओ का विकास करना चाहती हैं हर बेटियों और महिलाओ को शिक्षा का अधिकार मिले क्योकि यदि एक शिक्षित महिला होती हैं तो वे पुरे परिवार और समाज का विकास करती हैं।साथ ही बेरोजगारों को भी रोजगार मिल सके इस पर भी कार्य करेंगी

जिला बोकारो नावाडीह से जे.एम रंगीला जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि झारखण्ड राज्य में पंचायत राज्य व्यवस्था का आम चुनाव हुए एक वर्ष गुजर चूका है चुकीं पंचायत राज्य व्यवस्था में सभी पदों पर 50% आरक्षण महिलाओ को दी गई है।घर की दहलीज से निकल कर महिला पंचायत की मुखिया के रूप में पंचायत के कार्यो को भली भाति संभालती हैं।साथ ही बोकारो जिले के चंद्रपुरा प्रखंड के नरा पंचायत की मुखिया मंजू देवी जी का भी यह कहना है कि वे अपने पंचायत में विकास के लिए बहुत अच्छा सोच रखीं हैं जिस तरह सबसे पहले मुखिया पदभार लेने के बाद विधवा वृद्धा पेंशन को पास करवाई,पानी की दिक्कत को देखते हुए पानी टेंकर भी खरीदी।और आज एम्बुलेंस की कमी है उसे भी जल्द ग्रामीणों एवं अधिकारियो के सहयोग से पूरा करने का सोच रखतीं हैं।

जमशेदपुर जिले से धरनी गोराई जी झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि पंचायती राज होने के बावजूद भी गांव में विकास का काम नहीं हुआ है। सरकार ने कहा है कि पंचायती राज होने पर गाँवो को काफी विकसित किया जा सकता है, लेकिन ये सब नहीं हो रहा है। धरनी जी कहना है कि पंचायत के सभी अधिकारी सिर्फ अपना देख रहे है विकास के नाम पर ना शौचालय,ना पक्की सड़क, ना अच्छी बिजली व्यवस्था और ना ही स्वच्छ पानी लोगो को मिल पा रही है। गांव पूरी तरह पिछड़ा हुआ है इसमें किसी भी तरह का विकास नहीं हो रहा है।

जिला देवघर,पंचायत-धरवाडीह,पोस्ट- पुरैरी,थाना-जसीडीह,गाँव-बसंतपुर से बलबीर राय जी मोबाईल वाणी के माध्यम से कहते है कि सरकार और संविधान ने पंचायती राज अधिनियम के तहत गांव के विकास के लिए पंचायती राज व्यवस्था लागू किया है। लेकिन पंचायत प्रतिनिधियों के लिए कोई नियुक्ति हो या चुनाव हो या फिर विकास का कोई भी कार्य हो सिर्फ विकास के नाम पर खाना पूर्ति ही की जाती है। बलबीर जी का कहना है कि पंचायती राज व्यवस्था लोगो को ठगने का एक जरिया बन गया है।वे कहते है की यहाँ पर ग्रामसभा का आयोजन भी नहीं होता है और बिना ग्रामसभा का आयोजन किये ही सिर्फ कागज पर हस्ताक्षर कर घोषित कर दिया जाता है कि ग्रामसभा का आयोजन किया गया था।ऐसे में संविधान द्वारा पंचायती राज व्यवस्था को लागू करने के का जो उद्देश्य था वो सफल साबित होता नहीं दिख रहा है।

पूर्वी सिंहभूम, जिला जमशेदपुर, पंचायत दलदली के गांव हरमाडीह से धरणी जी मोबाईल वाणी के माध्यम से कहते है कि इनके गांव में पिछले एक साल में एक ही बार ग्रामसभा का आयोजन हुआ है। राज्य में पंचायती राज व्यवस्था लागू होने के बावजूद भी इनके पंचायत में कोई विकास नहीं हो रहा है ।वे बताते है कि हरमाडीह गाँव में मात्र एक ही शौचालय है इससे पता चलता है की विकास किस गति से हो रही है। अब ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस गांव का विकास किस गति से हो रहा है।

दोस्तों, आगामी 24 अप्रैल को पंचायती राज्य दिवस है ,चूँकि इसी दिन सन 1993 में सत्ता विकेन्द्रकरण के उद्देश्य से 73वां संविधान संशोधन कर पुरे देश भर में त्रिस्तरीय पंचायती राज्य व्यवस्था को लागु किया गया।त्रिस्तरीय पंचायती राज्य व्यवस्था के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास के लिए हमे कई अधिकार मिले हैं। श्रोताओं हम आपसे जानना चाहते हैं कि..पंचायती राज्य अधिनियम के तहत मिली अधिकारों के प्रति आम लोगों में कितनी जागरूकता है ?पंचायती राज्य अधिनियम के तहत जो अधिकार पंचायत प्रतिनिधियों को दी गई है क्या उसका सही ढंग से पालन किया जा रहा है ? पिछले एक वर्ष के दौरान आपके क्षेत्र में क्या विकास कार्य हुए हैं ? अगर हा ,तो ये विकास कार्य किस क्षेत्र से जुड़ी है और किस गति से हो रही है ?साथ ही क्या आपके गांव में नियमित रूप से ग्राम सभा का आयोजन होता है? और इसमें आम जनता की भागीदारी कितनी होती है ? इस विषय पर आप अपने विचार एवं अपने क्षेत्र की स्थिति के बारे में हमे जरूर बातये नंबर -3 दबाकर।आपके द्वारा रिकॉर्ड कराए गए कुछ बेहतरीन प्रतिक्रियाओं को , पंचायत नामा के आने वाले अंक में प्रकाशित किया जायेगा। धन्यवाद।