झारखण्ड राज्य जिला काठीकुंड प्रखंड ,पंचायत पिपरा , ग्राम भवारपथर ऊपर टोला से बाबूराम मंडल ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि पंचायत पिपरा , ग्राम भवारपथर ऊपर टोलामें एक मात्र चापाकल है जो 5 महीने से खराब पड़ी हुई है। गांव में 180 घर है ,पूरा गांव इसी चापाकल का पानी पीते थे। अभी चापाकल खराब होने के कारण सभी लोग कुआं का पानी पीते हैं और इस वर्ष वर्षा ना होने के कारण वह भी सूखने की कगार पर है ।कई बार मुखिया ,वार्ड में बोलने के बावजूद भी बंद पड़ा हुआ है, कोई सुध लेने वाला नहीं है चुनाव के समय नेता व प्रतिनिधि ने कहा था कि चुनाव जब जीत जाएंगे इस चापाकल को ठीक कर देंगे नए पाइप लगा देंगे लेकिन आज तक यह कार्य जस का तस पड़ा हुआ है
झारखण्ड राज्य के गोड्डा से कृष्णा मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रहें हैं कि, इनके यहां पानी की काफी समस्या है तथा ये सरकार से कह रहें हैं की पानी की व्यवस्था की जाए.
दोस्तों, हमारे आपके बीच ऐसी महिलाओं के बहुत से उदाहरण हैं, पर उन पर गौर नहीं किया जाता. अगर आपने गौर किया है तो हमें जरूर बताएं. साथ ही वे महिलाएं आगे आएं जो घंटों पानी भरने और ढोने का काम करती हैं. उनका अपना अनुभव कैसा है? वे अपने जीवन के बारे में क्या सोचती हैं? क्या इस काम के कारण उनका जीवन नरक बन रहा है? क्या वे परिवार में पानी की आपूर्ति के चक्कर में अपना आत्मसम्मान खो रही हैं? क्या कभी ऐसा कोई वाक्या हुआ जहां पानी के बदले उनसे बदसलूकी की गई हो, रास्ते में किसी तरह की दुर्घटना हुई हो या फिर किसी तरह के अपशब्द अपमान सहना पडा?
दोस्तों, राष्ट्रीय महिला आयोग की रिपोर्ट के अनुसार एक महिला अभी भी 2.5 किमी तक पैदल चलकर जाती हैं ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं अपने परिवार के लिए पीने का पानी लाने में औसतन दिन में 3-4 घंटे खर्च करती हैं, यानि अपने पूरे जीवन काल में 20 लाख घंटों से भी ज्यादा. क्या आपको ये बातें पता है ? और ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें ...
झारखण्ड राज्य के जिला बोकारो से संदीप मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि उनके गाँव में लोगों को पानी की बहुत समस्या होती है साथ ही आंगनबाड़ी से भी बच्चों को बेहतर पानी नहीं मिल पाती है।आगे कह रहे है कि पानी की समस्या से लोगों का जीवन काफी परेशानियों से काट रहा है इसपर सरकार को कुछ ध्यान देना चाहिए।
दोस्तों, मोबाइलवाणी के अभियान क्योंकि जिंदगी जरूरी है में इस बार हम इसी मसले पर बात कर रहे हैं, जहां आपका अनुभव और राय दोनों बहुत जरूरी हैं. इसलिए हमें बताएं कि आपके क्षेत्र में बच्चों को साफ पानी किस तरह से उपलब्ध हो रहा है? क्या इसमें पंचायत, आंगनबाडी केन्द्र आदि मदद कर रहे हैं? आप अपने परिवार में बच्चों को साफ पानी कैसे उपलब्ध करवाते हैं? अगर गर्मियों में बच्चों को दूषित पानी के कारण पेचिस, दस्त, उल्टी और पेट संबंधी बीमारियां होती हैं, तो ऐसे में आप क्या करते हैं? क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों से बच्चों का इलाज संभव है या फिर इलाज के लिए दूसरे शहर जाना पड रहा है? जो बच्चे स्कूल जा रहे हैं, क्या उन्हें वहां पीने का साफ पानी मिल रहा है? अगर नहीं तो वे कैसे पानी का इंतजाम करते हैं?
झारखण्ड राज्य के काठीकुंड प्रखंड से बाबूराम मंडल मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रहें हैं की दुमका जिला के काठीकुंड के बर्ताला पंचायत के अंतर्गत चिरुदी गांव के लोगों को पीने के पानी के लिए खेत के एक कुवा पर निर्भर रहना पड़ता है गर्मी के कारण कुवा सुख भी जाय करता है, तब समस्या और भी बढ़ जाती है. इनका कहना है की गांव में हैंड पम्प लगवाया गया था लेकिन पानी नहीं आने की िस्थितय में फिर दुबारा कोई प्रयास नहीं किया गया है और पिछले तिस साल से ग्रामीण पानी की समस्या से जूझ रहें हैं.
झारखण्ड राज्य के जिला लातेहार के बालूमाथ से मोहन सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि उनके गाँव में एक हैंडपंप खराब पड़ा है जो अभी तक नहीं बन पाया है साथ ही बता रहे है कि गाँव में नल जल योजना के तहत टंकी लगने वाला था वो भी अभी तक नहीं बन पाया है जिसकी वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं
Transcript Unavailable.
साथियों, आपके यहां पानी के प्रदूषण की जांच कैसे होती है? यानि क्या सरकार ने इसके लिए पंचायत या प्रखंड स्तर पर कोई व्यवस्था की है? अगर आपके क्षेत्र में पानी प्रदूषित है तो प्रशासन ने स्थानीय जनता के लिए क्या किया? जैसे पाइप लाइन बिछाना, पानी साफ करने के लिए दवाओं का वितरण या फिर पानी के टैंकर की सुविधा दी गई? अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो आप कैसे पीने के पानी की सफाई करते हैं? क्या पानी उबालकर पी रहे हैं या फिर उसे साफ करने का कोई और तरीका है? पानी प्रदूषित होने से आपको और परिवार को किस किस तरह की दिक्कतें आ रही हैं?