हमारे श्रोता किशोरी नायक ,झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि आज के जमाना में ग्रामीण परिवेश में बड़ा ही भयावह स्थिति होती जा रही है। महिलाओं की शारीरिक बनावट जल्दी हो जाती है जिस कारण ग्रामीण इलाक़े में लोग बेटियों को ज़ल्दी शादी करने की सोच रखते है। इस परिस्थिति में 18 वर्ष की उम्र ही शादी के लिए सही है। सरकार ने जो शादी की उम्र को बढ़ाकर 21 वर्ष करना तय किया है ,वो भी अपनी जगह सही ही है। जो लड़कियाँ शारीरिक दृष्टिकोण से कमज़ोर रहती है ,उनके लिए विवाह का सही उम्र 21 वर्ष ही होना चाहिए। पर सरकार यह बाध्य न करें की 21 वर्ष ही शादी की उम्र हो। आज के गरीब परिवार में बेटियों को पढ़ाने के बाद उन्हें सही जीवनसाथी ढूँढने में कठिनाइयाँ हो जाती है। 21 वर्ष होने के बाद ज़ल्दी लड़का नहीं मिलता है इसलिए इसकी चिंता दो से तीन साल पूर्व ही करना पड़ता है
