सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के तहत एक जनवरी 2018 से झारखंड की 347 खदानें बंद हो जायेंगी. इन खदानों ने राज्य सरकार की ओर से लगायी गयी पेनाल्टी की राशि का भुगतान नहीं किया है. इन खदानों के बंद होने से करीब 17 लाख मजदूर बेरोजगार हो जायेंगे। कोयला खदान के बंद हो जानें से मजदूरों की रोजमर्रा की जिंदगी पर क्य प्रभाव पड़ा रहा है...?कोयला खदान बंद होने से खदान में काम करने वाले मजदूरों की क्या स्थिति ? और वे अब अपना और अपने परिवार के भरण पोषण कैसे कर रहे है ? साथ ही सरकार द्वारा बेरोजगार मजदूरों के लिए क्या किसी तरह की कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है....?