अधिकांश महिलाएं नामांकन की प्रक्रिया को जटिल और समय लेने वाली बताती हैं, और काम की सीमित उपलब्धता भी मनरेगा में महिलाओं के लिए कठिनाई को लगभग छब्बीस प्रतिशत तक बढ़ाती है। गाँव में ऐसी महिलाएं हैं जिन्हें मनरेगा में काम करना है, लेकिन वे आवेदन करने में असमर्थ हैं क्योंकि वे आवेदन प्रक्रिया को पूरी तरह से नहीं समझती हैं और अगर गाँव की पच्चीस प्रतिशत महिलाएं काम करने में सक्षम नहीं हैं, विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

उत्तर प्रदेश राज्य के बस्ती से रमजान अली मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं की मनरेगा में पुरुष बाहर भी काम करते हैं और महिलाएं प्रधान की मिलीभगत से काम से वंचित रह जाते हैं अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें और पूरी जानकारी सुनें

उत्तर प्रदेश राज्य के बस्ती से रमजान अली मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं की मनरेगा में लगातार बढ़ रही है महिलाओं की जिम्मेदारी लेकिन सामाजिक रीती के कारन महिलाएं काम करने से वंचित रह जाते हैं जिस कारन महिलाएं काम नहीं कर पाते अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें और पूरी जानकारी सुनें

उत्तर प्रदेश राज्य के बस्ती से रमजान अली बताते हैं की मनरेगा में लगातार बढ़ रही है महिलाओं की जिम्मेदारी अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें और पूरी जानकारी सुनें

उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर से वीर बहादुर यादव मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं की महिलाओं को मनरेगा के तहत नहीं करने दिया जाता है काम अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें और पूरी जानकारी सुनें

मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी कम महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाए जाने के प्रयास सफल नहीं हो पा रहे हैं। जिले में अब तक सृजित मानव दिवसों में महिलाओं की भागीदारी बामुश्किल पहुंच पाई है। रोजगार देने के उद्देश्य से संचालित मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए सरकार का जोर है। नियमों की माने तो महिलाओं को उनके आरक्षण के हिसाब से रोजगार दिया जाना चाहिए। कहने का मतलब यह है कि कम से कम 33 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित कराई जाए। मनरेगा के संचालन के लिए जारी नियम और कानून का पालन जिले में सार्थक होता नहीं दिख रहा है।

बिहार राज्य के नालंदा जिले से शिला कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है महिलाये बिहार में मनरेगा के काम में पीछे है महिलाएं भाग लेती हैं लेकिन आगे नहीं बढ़ पाती हैं अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें और पूरी जानकारी सुनें

महिलाओं की लगातार बढ़ती हिस्सेदारी और उसके सहारे में परिवारों के आर्थिक हालात सुधारने की तमाम कहानियां हैं जो अलग-अलग संस्थानों में लिखी गई हैं, अब समय की मांग है कि महिलाओं को इस योजना से जोड़ने के लिए इसमें नए कामों को शामिल किया जाए जिससे की ज्यादातर महिलाएं इसका लाभ ले सकें। दोस्तों आपको क्या लगता है कि मनरेगा के जरिए महिलाओँ के जीवन में क्या बदलाव आए हैं। क्या आपको भी लगता है कि और अधिक महिलाओं को इस योजना से जोड़ा जाना चाहिए ?

महिलाओं की लगातार बढ़ती हिस्सेदारी और उसके सहारे में परिवारों के आर्थिक हालात सुधारने की तमाम कहानियां हैं जो अलग-अलग संस्थानों में लिखी गई हैं, अब समय की मांग है कि महिलाओं को इस योजना से जोड़ने के लिए इसमें नए कामों को शामिल किया जाए जिससे की ज्यादातर महिलाएं इसका लाभ ले सकें। दोस्तों आपको क्या लगता है कि मनरेगा के जरिए महिलाओँ के जीवन में क्या बदलाव आए हैं। क्या आपको भी लगता है कि और अधिक महिलाओं को इस योजना से जोड़ा जाना चाहिए ?

महिलाओं की लगातार बढ़ती हिस्सेदारी और उसके सहारे में परिवारों के आर्थिक हालात सुधारने की तमाम कहानियां हैं जो अलग-अलग संस्थानों में लिखी गई हैं, अब समय की मांग है कि महिलाओं को इस योजना से जोड़ने के लिए इसमें नए कामों को शामिल किया जाए जिससे की ज्यादातर महिलाएं इसका लाभ ले सकें। दोस्तों आपको क्या लगता है कि मनरेगा के जरिए महिलाओँ के जीवन में क्या बदलाव आए हैं। क्या आपको भी लगता है कि और अधिक महिलाओं को इस योजना से जोड़ा जाना चाहिए ?