राजस्थान राज्य के दौसा जिला के महवा प्रखंड से फरदीन खान ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि उनके गाँव में बिजली की बहुत समस्या है
श्रमिक वाणी के माध्यम से मोहम्मद वसीमुद्दीन बता रहे हैं कि उनके गांव बिहार में राशन कार्ड में केवाईसी का नियम निकाला गया है। जिसका लास्ट डेट दिसम्बर तक रखा गया है। वे अभी दिल्ली में रह रहे हैं। उन्होंने अपने दो बच्चों को गांव केवाईसी करवाने के लिए भेजा है जिसमे पांच से छः हजार रूपए का खर्चा है। अब यदि वे जायेंगे तो फिर उन्हें पांच से छः हजार रूपए लगेंगे। उनका कहना है ,इससे फायदा क्या होगा चार पांच किलो ही राशन मिलेगा।
राजस्थान राज्य के अलवर जिला से मुमताज खान ने मोबाइल वाणी के माध्यम से अफसाना से बातचीत किया। बातचीत के दौरान अफसाना ने बताया कि उन्हें राशन नहीं मिल रहा है। डीलर राशन वितरण नहीं कर रहा है
राजस्थान राज्य के अलवर जिला से मुमताज खान ने मोबाइल वाणी के माध्यम से मुनकीदा से बातचीत किया। बातचीत के दौरान मुनकीदा ने बताया कि उनके क्षेत्र में पानी की समस्या है
मानेसर से श्रोता ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि इनका नौ महीने से ईएसआई कट रहा है। चोट लगी है मगर ईएसआई से कोई लाभ नही मिला है। अभी तक न ईलाज करवाया और न ही कोई बेनिफिट मिला है। कंपनी भी कुछ नही बताती है। परेशान किया जाता है
मानेसर से रामा देवी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि इनको खांसी और चक्कर आता है। माथा दर्द से बेचैन रहती हैं। ईएसआई के डिस्पेंसरी जाने पर ठीक से नही देखते हैं और वहां कोई सुनवाई नही होती है।
आईएमटी मानेसर से शहवाज अंसारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि इनको ईएसआई का पैसा निकालना है।एक ही कंपनी में चार साल का पैसा कटा है। बहन की शादी है और पैसा निकालने में दिक्कत हो रही है। कृपया मदद कीजिए।
हरियाणा के मानेश्वर से मोहम्मद शालिम ने श्रमिक वाणी के माध्यम से बताया कि वे ईएसआई में इलाज करवाने गए थे। उन्हें पेट में और पेट के ऊपर सीना में दर्द होता है। लेकिन ईएसआई में कोई सुनवाई नहीं होता है। उनका टॉयलेट भी बहुत बदबुदार होता है। इसके लिए उन्हें मदद चाहिए
हरियाणा के मानेश्वर से रवि कुमार श्रमिक वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि ईएसआई हॉस्पिटल में बिलकुल भी कोई कर्मचारी नहीं है ना टोकन काटने वाला। न पर्ची काटने वाला। एक आदमी मात्र बैठा हुआ है ,जिसके करण मजदूरों की भीड़ लगी हुई रहती है सेक्टर तीन ईएसआई में। इसलिए वे चाहते हैं कि कर्मचारी बढ़ायें जाए ताकि मजदूरों को दिक्क्त का सामना ना करना पड़े
Transcript Unavailable.